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राष्ट्रसंत चंद्राननसागर सूरीश्वरजी म.सा. की आचार्य पदवी के रजत महोत्सव पर श्री नाकोड़ा दर्शन धाम पर वृक्षारोपण

राष्ट्रसंत चंद्राननसागर सूरीश्वरजी म.सा. की आचार्य पदवी के रजत महोत्सव पर श्री नाकोड़ा दर्शन धाम पर वृक्षारोपण मुंबई: प.पु. आचार्यश्री राष्ट्रसंत चंद्राननसागर सूरीश्वरजी म.सा. के आचार्य पदवी के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर श्री नाकोड़ा भैरव दर्शन धाम-ढेकाले विलेज, पालघर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस अवसर पर नाकोड़ा दर्शन धाम में 25 वृक्ष रोपित किये जायेंगे, जिनमें 24 वृक्ष जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों के नाम पर तथा एक वृक्ष अतिरिक्त स्थल पर दादा गुरुदेव श्री दर्शनसागर सूरीश्वरजी म.सा.जी की स्मृति में लगाया जाएगा। गोडवाड़ के पर्यावरण संरक्षण के विकास के लिए पिछले 2 वर्षों से समर्पित भाव सेकार्यरत श्रीमती ज्योति श्रीपालजी मुणोत द्वारा श्री नाकोड़ा दर्शन धाम में वृक्षारोपण कार्यक्रम का संचालन होगा। श्रीमती मुणोत द्वारा बताया गया कि प.पु. गुरुदेव की आचार्य पद की सिल्वर जुबली  के अवसर पर 13 फरवरी 2022 को आयोजित रजत समारोह में पधारे अतिथियों के हाथों एक-एक वृक्ष रोपित किये जायेंगे। राष्ट्रसंत चंद्राननसागर सूरीश्वरजी म.सा. एवं साध्वीश्री कल्पिताश्रीजी म.सा. से आश

राष्ट्रसंत चंद्रानन ने किया दर्शन सागर ग्रंथ का लोकार्पण

राष्ट्रसंत चंद्राननसागरजी ने किया दर्शन सागर ग्रंथ का लोकार्पण अंतिम सांस तक जनकल्याण को समर्पित रहे दादा गुरुदेव दर्शनसागरजी मुंबई: शिक्षा, सेवा, सशक्तिकरण, जीवदया तथा सामाजिक सरोकारों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले विख्यात जैनाचार्य राष्ट्रसंत चंद्रानन सागर के हाथों गच्छाधिपति दर्शनसागर सूरीश्वर महाराज के जीवनवृत्त पर लिखित ‘मेरे गुरुवर दर्शन सागर - गागर में सागर’ ग्रंथ का विमोचन समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। इस ग्रंथ की संकल्पना मनोज शोभावत की है तथा संगीता बागरेचा ने इसे लिखा है। दक्षिण मुंबई के पाटकर हॉल में आयोजित इस समारोह में देश भर से आए दर्शन भक्तों सहित मुंबई के विभिन्न जैन संघों व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी तथा गणमान्य लोग विशेष रूप से उपस्थित थे। राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज ने इस अवसर पर कहा कि साधु संतों का जीवन निस्वार्थ भावना के साथ केवल समाज के उत्थान के लिए समर्पित होता है तथा दर्शन सागर जी एक ऐसे संत थे, जो अपनी अंतिम सांस तक प्राणी मात्र के कल्याण के लिए समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि सागर समुदाय के गच्छाधिपति के रूप

पासपोर्ट के नियमों में होंगे कुछ और बदलाव

विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट से जुड़े कुछ नियमों में इस साल कई बदलाव किए हैं. कुछ नियम लागू हो चुके हैं जबकि कुछ को इस साल लागू किया जाना है| द टाइम्स आॅफ इंडिया के मुताबिक पासपोर्ट के रंग, इसमें प्रकाशित होने वाली सूचनाओं और आवेदक की पुलिस जांच को लेकर अगले महीने से कई और बदलाव देखने को मिल सकते हैं| अखबार ने आगे लिखा है कि विदेश मंत्रालय पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर दी जाने वाली पते की सूचना हटाने पर विचार कर रहा है| धारक का पता पासपोर्ट पर तो नहीं लिखा जाएगा लेकिन पासपोर्ट कार्यालय के रिकॉर्ड में यह जरूर रहेगा| 2012 से पासपोर्ट पर बारकोड छापा जा रहा है जिसे स्कैन करके संबंधित जानकारी पाई जा सकेगी| इस विचार के पीछे विदेश मंत्रालय का मकसद पासपोर्ट पर धारक से जुड़ी सूचनाओं को कम करना है| इसी तरह नए नियमों के मुताबिक पासपोर्ट पर इसके धारक के माता-पिता का उल्लेख भी अब नहीं किया जाएगा| एकल माता-पिता यानी सिंगल पेरेंट की स्थिति में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी| पासपोर्ट की वैधता की अवधि पहले की ही तरह इसके आखिरी पन्ने पर प्रकाशित होती रहेगी| मौजूदा समय में पासपोर्ट कार्यालय तीन रंगों के

🌹आज का नियम 🌹

🌹आज का नियम 🌹 रात्रिभोजन लीलोत्री त्याग करेंl ॐ रीम नमों चारितस इस मंत्र का 108 बार जाप करेंl

*दृष्टिकोण बदलने की जरुरत*

*दृष्टिकोण बदलने की जरुरत* दो मित्र थे, अलग - अलग विचारधारा थी । एक राग-रंग का शौकीन तो दूसरा सत्संग का प्रेमी । रविवार को छुट्टी का दिन दोनों साथ-साथ निकले । एक ने कहा - भले आदमी सात दिन में एक दिन छुट्टी का मिलता है, चलो संत आये हुये हैं, उनका व्याख्यान सुनने चलें । दूसरे ने कहा - व्याख्यान सुनकर क्या मिलेगा ? वहाँ तो वही बाते हैं, नाच देखने चलते हैं । दोनों को एक दूसरे की बात जंची नहीं । वे अपने - अपने स्थान पर पहुँच गये । अब दोनों का चिन्तन चलता है । सत्संग में बैठा व्यक्त़ि सोचता है, मेरा दोस्त नाच देख रहा होगा, संगीत का आनंद ले रहा होगा । ऐसा विपरीत सोचकर वह कर्म बंध कर रहा है । ईधर जो नाच देखने गया वह सोचता है - यह संसार स्वयं एक रंगमंच है । कोई धन के लिए तो कोई रुप, कोई तृष्णा के पीछे नाच रहा है । मेरे दोस्त ने ठीक किया वह सत्संग में भगवान की वाणी सुन रहा है । जीवन का सच्चा आनऩ्द, सच़्चा ज्ञान प्राप्त कर रहा है । वह बैठा कहाँ ? नाच - गाने में बैठा, आस़्रव का स्थान है, पर वह निर्जरा कर रहा है और जो संवर के स्थान पर बैठा है वह आस़्रव एवं बंध कर रहा है । आस़्रव और निर्जरा धर्मस

*लोकसंत का गुरुसप्तमी पर्व हेतु फतापुरा नगर की ओर विहार जारी*

सुविशाल गच्छाधिपति लोकसन्तश्री वर्तमानाचार्य *श्रीमद्वि जयतंसेन सूरीश्र्वरजी म सा जी* *दिनांक 25 दिसम्बर 2016 सुबह १९ कि मी विहार कर आयुवेदिक कला आश्रम (गोगुन्दा से ३ कि मी) मे विराजमान रहेगे* ,गच्छाधिपति श्री शाम को ६ कि मी विहार कर रात्रि विश्राम गुरु पुष्कर धाम (टोल टेक्स नाका के बाद ) मे रहेगा, 26 दिसम्बर को पिन्डवाडा वाले मार्ग पर विहार जारी आगे विहार कर फतापुरा नगर मे गुरु सप्तमी पर्व के कार्यक्रम मे निश्रा प्रदान करेंगे! ✍🏽 ब्रजेश बोहरा नागदा

*उदयपुर से फतापुरा विहार सूचना*

सुविशाल गच्छाधिपति लोकसन्तश्री वर्तमानाचार्य *श्रीमद्वि जयतंसेन सूरीश्र्वरजी म सा जी* *दिनांक 24 दिसम्बर 2016 सुबह उग्रसेनजी गोरवाडा का निवास बिग बाजार के सामने सुखडिया सर्कल के पास उदयपुर मे विराजमान रहेगे* गच्छाधिपति श्री शाम को विहार कर रात्रि विश्राम थुर स्कुल मे रहेगा, 25 दिसम्बर को पिन्डवाडा वाले मार्ग पर विहार जारी आगे विहार कर फतापुरा नगर मे गुरु सप्तमी पर्व के कार्यक्रम मे निश्रा प्रदान करेंगे! ✍🏽 ब्रजेश बोहरा नागदा