भिवंडी/गोडवाड ज्योती: वैसे तो व्यावसायिक तौर पर भिवंडी पॉवरलूम शहर के नाम से जाना जाता है पर बात अगर धर्म की हो तो यहाँ से अब तक सैकड़ो युवा मुमुक्षुओं ने दिक्षा लेकर जिनशासन का दीया समस्त जग में प्रज्वलित किया है। यहाँ का धर्ममय वातावरण गुरु-भगवंतो के सानिध्य और पाठशाला के प्रभाव से धार्मिक संस्कार बालवस्था से ऐसे रज-बस जाते हैं कि हर वर्ष यहाँ से दीक्षाऐ सहज हो रही है। पर जिनका पुण्योदय इतना प्रबल नही है, वे मोक्षमाला यानि उपधान तप द्वारा संयम जीवन के रस को चखने का अवसर पाकर प्रफुल्लित हो जाते हैं। ऐसा ही एक अवसर शत्रुंजय धाम-भिवंडी में आयोजित हुआ जहाँ 31 अक्टुम्बर को उपधान प्रवेश में बड़ी संख्या में आराधक जुड़े और भावविभोर होकर तप-जप और अनुष्ठान में लीन होकर प्रभु भक्ति कर रहे हैं। जिन बच्चों को कम समय उपलब्ध था, वे अढारिया में जुड़कर धर्मक्रिया कर रहे है। उपधान की नीवी में तपस्वियों के चेहरे की ख़ुशी देख जो प्रसन्नता मिलती है उसका श्रेय उनके उत्तम भाव, उत्तम व्यवस्था, उत्तम सहयोग, सभी की सरलता और आचार्य भगवंत के सानिध्य को जाता है| वे स्वयं 2.5 घंटे खड़े होकर तपस्वियों की निवि इत्